सिंहावलोकन

SSS - National Institute of Bio-Energy

सरदार स्वर्ण सिंह राष्ट्रीय जैव-ऊर्जा संस्थान (एसएसएस-एनआईबीई), कपूरथला भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) का एक स्वायत्त संस्थान है। संस्थान अत्याधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और नवाचारों को पूरा करने के लिए एक आगामी संस्थान है, जिसमें अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास और नवाचार के साथ उनके एकीकरण के लिए बायोएनर्जी के पूरे स्पेक्ट्रम को शामिल किया गया है। संस्थान अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं के साथ 75 एकड़ के हरित परिसर में स्थापित है। संस्थान का मुख्य उद्देश्य बायोमास से संबंधित प्रौद्योगिकियों के उन्नत अनुसंधान, विकास और प्रदर्शन के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र के रूप में सेवा प्रदान करना और जैव ऊर्जा और जैव उत्पादों के लिए बायोमास के उपयोग से संबंधित ज्ञान और प्रौद्योगिकी को आगे ले जाना है।

भारत बायोमास के एक बड़े भंडार से संपन्न है और एक कृषि प्रधान देश होने के नाते कृषि गतिबिधियों के परिणामस्वरूप अतिरिक्त कृषि अवशेष/कचरा उत्पादक है। अत्यधिक मात्रा में उपलब्ध बायोमास के कम उपयोग होने के कारण इससे बायो ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त गुंजाइश और अवसर है। बायोमास के उपयोग को बढ़ाने के दृष्टिकोण में जागरूकता और प्रौद्योगिकिय विकार आवश्यक है जिससे हमारे बिजली, परिवहन और औद्योगिक क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों को भी लाभ मिल सके।

इसलिए हमारा संस्थान इस मुद्दे को हल करने के लिए सही स्थिति में है, यह वास्तव में इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहा है, जिसमें इसके सुसज्जित अनुसंधान एवं विकास प्रभाग बायोमास और ऊर्जा प्रबंधन, थर्मोकेमिकल, बायोकेमिकल, केमिकल, इलेक्ट्रोकेमिकल रूपांतरण प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित हैं। संस्थान के लिए परिकल्पित महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक जैव ऊर्जा के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास है, यह नियमित रूप से प्रासंगिक हितधारकों जैसे शोधकर्ताओं, किसानों, उद्यमियों, सरकारी अधिकारियों और उद्योग अधिकारियों के लिए कौशल विकास सहित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। इसे देश में बायोगैस योजना के कार्यान्वयन के लिए एमएनआरई द्वारा केंद्रीय नोडल एजेंसी (सीएनए) के रूप में भी मान्यता प्राप्त है।

संस्थान ने कई परियोजनाओं और पत्रिकाओं और सम्मेलनों में प्रकाशित वैज्ञानिक निष्कर्षों को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया है। हमारा संस्थान 2020 से एनआईटी जालंधर के साथ संयुक्त रूप से एमटेक - रिन्यूएबल एनर्जी (एमएनआरई से एनआरई फेलोशिप के साथ) का कोर्स भी चला रहा है। संस्थान की कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहकार्यता चल रही है। यह बायोमास परीक्षण/लक्षणीकरण, डीपीआर तैयार करने, संसाधन मूल्यांकन, बायोगैस/बायोसीएनजी के लिए प्रौद्योगिकियों और उन्नत बायोमास चूल्हे/कम्बस्टर्स के लिए उद्योगों को परामर्श और सहायता प्रदान करने के लिए सुसज्जित है। यह एनएबीएल प्रत्यायन प्राप्त करने की दिशा में भी काम कर रहा है।